सबकी अपनी-अपनी ठंड है और ठंड दूर करने के लिए सबकी अलग अपने तरीके की रजाई होती है। संसा सबकी अपनी-अपनी ठंड है और ठंड दूर करने के लिए सबकी अलग अपने तरीके की रजाई होती है...
डरा हुआ आदमी डरा हुआ आदमी
************ नारी तुम बसुधा हो नारी तुम अमृत सुधा हो तुममे ही बहती हर धार है तुम स ************ नारी तुम बसुधा हो नारी तुम अमृत सुधा हो तुममे ही बहती हर ध...
मैंने जो संकल्प लिया था वह मैंने पूरा किया। सच कहूं तो मेरे संकल्प की पूरा होने के पीछ मैंने जो संकल्प लिया था वह मैंने पूरा किया। सच कहूं तो मेरे संकल्प की पूरा होने ...
मम्मा, मैंने सुना है कि आपने मुझे अपने दूध का कतरा तक नहीं पिलाया।’ मम्मा, मैंने सुना है कि आपने मुझे अपने दूध का कतरा तक नहीं पिलाया।’
क्योंकि उस भटकती हुई आत्मा को मुक्ति मिल गई थी। क्योंकि उस भटकती हुई आत्मा को मुक्ति मिल गई थी।